दूसरे दिन मैं स्कूल आई तो माधुरी गेट पर ही मिल गई। वह एक लड़के से हंस-हंसकर बातें कर रही थी। ‘मेरे संस्कार ही ऐसे थे, कि मैं जिस किसी स्त्री-पुरुष या लड़का-लड़की को हंसते बोलते देखती तो मैं उनके संबंधों को लेकर सशंकित हो उठती। मेरा सोचने का नजरिया ही बदल गया था।
एक झोंपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अंदर बेटे की जवान बीवी बुधिया प्रसव-वेदना में पछाड़ खा रही थी। रह-रहकर उसके मुँह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज़ निकलती थी, कि दोनों कलेजा थाम लेते थे। जाड़ों प्रेमचंद
The novel delves into your intricacies in their romance, analyzing the societal expectations, ethical dilemmas, and personal sacrifices they confront. Because the figures navigate the worries posed by appreciate, obligation, and honour, the novel raises profound questions about the character of fine and evil. This Hindi fiction reserve is celebrated for its deep exploration of human feelings along with the philosophical themes it addresses.
आम के पेड़ पर एक सुरीली नाम की चिड़िया रहती थी। उसने खूब सुंदर घोंसला बनाया हुआ था। जिसमें उसके छोटे-छोटे बच्चे साथ में रहते थे। वह बच्चे अभी उड़ना नहीं जानते थे, इसीलिए सुरीली उन सभी को खाना ला कर खिलाती थी।
एक गाँव में एक किसान रहता था। किसान खेती करने में व्यस्त था तभी उसकी पत्नी वहां आयी और उसके लिए खाना रख कर वहां से घर वापस चली गयी। जब किसान को फुर्सत मिली तो उसने खाना खाने की सोची। पर यह क्या। खाने का बर्तन खाली था। किसान को लगा की उसकी पत्नी ने उसके साथ मज़ाक किया है और वह नाराज़ हो गया। घर जा कर उसने अपनी पत्नी पर बहुत गुस्सा किया। पत्नी को भी कुछ समझ ना आया।
सिंहराज जब शिकार पर निकलता , सूरसिंह अकेला हो जाता।
नीचे लिखी गयी सभी कहानियां शिक्षाप्रद होने के साथ पढ़ने में भी मजेदार है। हर एक कहानी आपको जीवन को सही तरीके से बीतने की शिक्षा देते हैं।
एक सरोवर में विशाल नाम का एक कछुआ रहा करता था। उसके पास एक मजबूत कवच था। यह कवच शत्रुओं से बचाता था। कितनी बार उसकी जान कवच के कारण बची थी।
सिंह राज ने देखते ही देखते सभी सियारों को खदेड़ दिया। जिसके कारण उसके मित्र सुरसिंह की जान बच सकी
(एक) “बंदी!” “क्या है? सोने दो।” “मुक्त होना चाहते हो?” “अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।” “फिर अवसर न मिलेगा।” “बड़ा शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।” “आँधी की संभावना है। यही अवसर है। आज मेरे बंधन शिथिल जयशंकर प्रसाद
रानी ने शायरा की बात मान कर पूरे गाँव में घोषणा करा दी। दिवाली वाली रात को पूरे गाँव में अँधेरा था सिर्फ शायरा के घर में दिए जल रहे थे। तभी शायरा के घर में दरवाज़ा खटका। शायरा ने दरवाज़ा खोला और उसे जैसी उम्मीद थी उसने सामने देवी लक्ष्मी को खड़ा पाया। देवी लक्ष्मी ने शायरा और उसके परिवार को हमेशा धनवान रहने आशीर्वाद दिया अंतर्ध्यान हो गयीं। इसके बाद शायरा ने आतिशबाजी चला के सब को अपने अपने घर रोशन कर लेने का इशारा दिया
The e book also has factual specifics of some great benefits of these types of residences and the materials Employed in …
वही साहित्यिक 'हिंदी' जो हिंदी के नाम पर शिक्षण संस्थानों में प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालयों तक लागू click here है और जिसमें लाखों हिंदी भाषी बच्चे परीक्षाओं में फ़ेल हो जाते हैं.
सिद्धेश्वरी ने खाना बनाने के बाद चूल्हे को बुझा दिया और दोनों घुटनों के बीच सिर रखकर शायद पैर की उँगलियाँ या ज़मीन पर चलते चीटें-चींटियों को देखने लगी। अचानक उसे मालूम हुआ कि बहुत देर से उसे प्यास लगी हैं। वह मतवाले की तरह उठी और गगरे से लोटा-भर पानी अमरकांत